इश्के-अरमाँ
मैं सब कुछ लूटा दूँ तेरी राह में
बस एक बार कह दे साथ चलने के लिए
मैं जिन्दगी यूँ हुँ गुजार दूँ तेरे साथ,
बस एक बार बोल दे जीने के लिए।
ना दिल देने की बात हो, ना दिल लेने की बात हो,
जब जीना हैं एक साथ ,साथ मरने की बात हो।
अगर हैं इश्के मोहब्बत एक दूसरे के लिए ..
फिर क्या दिन,क्या रात एक साथ होने की बात हो।
अगर दो जिस्म एक जान हैं,
फिर अपनी अलग पहचान क्यों हैं।
दिखा दो दुनिया वालो को अपनी मोहब्बत की ताकत,
फिर चाहे बनें नई मिशाल क्यों न हो।
जो लोग कहते हैं मोहब्बत क्या हैं
मैं उनसे पूछता हूँ निक़ाह क्या हैं
अगर नही समझ आती हैं इश्के मोहब्बत
फिर पूछता हैं, अए लोगो.... वफ़ा क्या हैं।
#STAY HOME #SAFE HOME # KEEP DISTANCE
अब्दुल्ला साबिर
Abdulla sabir

Bahut khub..
ReplyDeleteShukriya bhai
ReplyDeleteKya baat hai well done
ReplyDeleteShukriya sir ji hausla afajai krne k liye
ReplyDelete