Wednesday, May 6, 2020

MODERN WORLD

जिंदा रह कर भी जिंदा नही



इस मॉडर्न दुनिया में आज बहुत कुछ बदल चुका हैं या बदलने की तैयारी में हैं ,क्योंकि हम सब को मॉडर्न या हाई टेक्नोलॉजी में जीने की आदत बनती जरही हैं लेकिन क्या हम लोगो ने कभी सोचा कि हम अपना पुराना जीवन या मैं यू कहूँ कि सूकून से भरा हुआ शुद्ध वातावरण साफ पीने का पानी और शुद्ध हवाएं स्वस्थ जीवन या खुशहाल जिन्दगी। न ज्यादा बीमारी बस वही दो चार बीमारी जिसका इलाज हमारे घर या आस-पास की हकीम से हो जाता था। और हमारे घरों में जो भी नवजात शिशु पैदा होते थे उनको स्वस्थ रहने के लिए माँ का दुध ही सब कुछ होता था। क्योंकि उस समय हम सब शुद्ध भोजन खाते जो भी हमारे यहाँ होता था। लेकिन आज हम अपने खाने पीने तथा अन्य सभी चीजें बदल चुके हैं।पीने के लिए मिनरल वाटर चाहये, खाने के लिए बर्गर,पेटीज,पिज्जा,चाऊमीन,सैंडविच,या यू कहे खाने के सारे मेनू ही बदल दिया। और ये सब खाने के बाद हम पीते हैं सॉफ्टड्रिंक इस भूल में की जो खाया अब वो हजम कर देगा ये सॉफ्टड्रिंक इस गलत फहमी में पी जाते हैं। थोड़ा सोचने वाली बात ये हैं क्या सच मे ऐसा ही होता हैं,ये जानने के लिए जाइये अपने डॉक्टर से पूछियेगा क्या सही हैं क्या गलत। क्योकि हम ऐसा ही करते हैं, मेरे भाइयों दोस्तों बुजुर्गो इस विषय पे हमें और आप को ध्यान देने की जरूरत हैं। अगर ध्यान नही दिया तो सोचियेगा कि हम अपनी आने वाली नई पीढ़ी को क्या देकर जा रहे हैं। पैसा तो बहुत होगा मकान भी बहुत बड़े-बड़े होंगे और बड़ी-बड़ी गाड़िया जिससे वातावरण में बदलाव होगा, लेकिन क्या उनके पास जीवन जीने का इन्हीं सब की जरूरत हैं । तो शायद जवाब होगा नही क्योंकि जीवन जीने के लिए शुद्ध हवा,साफ पीने का पानी, स्वस्थ जीवन। लेकिन आज देखये की जंगलो की कटाई किस तरह बढ़ रही हैं। और हम सोच रहे हैं कि हमे क्या लेना कट रहे हैं तो कटने दो, लेकिन याद रहे हमारे आने वाली पीढ़िया बहुत अच्छा जीवन व्यतीत नही कर पाएंगे, अगर ये सब नही रहा तो।


1-पानी आज हम सब को पता हैं कि पीने का पानी का लेबल बहुत कम हो चुका और जो बचा हैं उसमें भी जिसके घरो में बोरिंग या गांव की बात करे समर सेबिल् लगा वो ऐसे पानी को मिस यूज़ करते हैं जैसे उनको पानी के बारे में कुछ मालूम नहीं,शहरों के लोग मोटर लगा कर जो अपने घर के सामने वाली सड़को को धोते हैं, ऐसा लगता हैं सारी सफाई या सड़क धुलाई की जिम्मेदारी इन जनाब के पास ही हैं,और उन्ही के दाएंबाये कुछ बेचारे ऐसे होते हैं, जिन्हें पानी के पाने के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ता हैं। आजकल नहाने के लिए बड़ो घरो में सावर के इस्तेमाल घंटो के हिसाब से होता हैं, और पानी को बेवजह बहाया जाता हैं। वही लोग आकर उन गरीबो को ज्ञान देंगे जो बेचारे नहाने के लिए भी 1-2 बाल्टी में नहाते हैं। भाइयो अमीर हो या गरीब सब को मिल कर पानी को बचाना हैं, नही तो जैसे और मुल्कों में हैं पानी हप्तों के हिसाब से मिलेगा वो भी नपातुला फिर शायद हम सब को इस बात का अहसास होगा क्या खोया। आज शहरों में पानी की काला बाजारी शुरू हो चुकी हैं ये हम सब देख भी रहे हैं। और अगर सावर से नहाना ही हैं तो नहाये लेकिन जितनी जरूरत हैं। मेरी आप सब से अपील आईये हम सब मिलकर पानी को बचाने का वचन लेते हैं। 

2-पेड़ आज जिस तरह से काटें जारहे हैं ये भी पूरे समाज को अच्छी तरह मालूम हैं लेकिन बात वही अपने से क्या लेना लेकिन याद रखिये सब को लेना भी और योगदान देना भी हैं ।पेड़ काटने में बुराई नही लेकिन उतने हीलगाने की आवश्यकता हैं। पहले हर गॉव में बगीचे होते थे आम के महुआ जामुन अमरूद आदि लेकिन आज अभी से ये सुनने को मिलने लगा कि होते थे।नई पीढी सिर्फ किताबों में या मॉडर्न दुनीयाँ की नेट में पता चलेगा हा ऐसा भी था, बड़ी गम्भीरता का विषय हैं। लेकिन हम सब सोचते भी की प्रॉब्लम हैं लेकिन बाद में बोलते हैं कि मेरा काम थोड़ी हैं ये तो सरकार जाने, याद रखें सरकार पेेड़ लगाने नही आयेगी। येे  हमें और आप को योगदान देना होगा । पहले कितने पेड़ होते थे नीम,आम,पीपल,बरगद,जामुन,सीसम इत्यादि, अगर इन्ही में से पीपल की बात करे जो कम से कम हवा में इसके पत्ते तेज हिलकर हमे हवा देते हैं। इसके पत्ते से छाल से बहुत सारी बीमारियों का इलाज भी हैं लेकिन पता नही हैं किसी को। जब तक हमारे घरों में नीम का पेड़ होते थे तब तक डायबिटीज य शुगर कि बीमारी नहीं आई। क्योंकि ऊपर वाले ने कोई भी चीज बे मतलब नही बनाया जो बनाया हम इंसानो के लिए ही बनाया। लेकिन हम इन्सान उसे खत्म करने में लगे हैं।


 3-हवा जब पेड़ ही नही रहेंगे तो शुद्ध हवा कहा से मिलगी आश्चर्य की बात हैं कि ये सब बातें पूरे समाज को बहुत अच्छी तरह से पता हैं। लेकिन अफसोस हम सब अनजान बन गए हैं ये सोचकर कि जो होगा देखा जायेग शायद पूरी दुनिया को देखने को मिल रहा हैं। फिर भी हम लोगों को कोई फर्क नही पड़ता हैं। आज शायद कुछ ऐसे लोग हैं जिनके पास पैसे की कमी नही कुछ ऐसे भी जिनके पास बिल्कुल नही कुछ के पास सिर्फ खाने पीने भर का हैं। लेकिन किसी काम का नही होगा ये पैसा, माना कि जिंदगी जीने के पैसों की जरूरत होती हैं लेकिन ये सब चीजों की भी जरूरत हैं। आज बाजार में एयरप्यूरीफायर आने लगा हैं इसे क्या समझा जाये कि अब कुदरत के बिना खुद से हवा को बनायेगे,और बन भी जायेग लेकिन वो शद्ध हवा नही मिल पाएगी जो पेड़ो ये प्राकृतिक तरीके से प्राप्त होती थी।
इस समाज मे रहने वाले हर एक इंसान चाहे वे छोटे या बड़े सब से विन्रम निवेदन हैं-हवा, पेड़, पानी को बचाने का प्रयास करें। ताकि आने वाली पीढयों को जीवन देकर जाये और उनकी इन सब के बिना जीवन जीना मुश्किल होगा ये याद रहे। फिर वही बात होगी जिंदा रह कर भी जिंदा नही।
#SAFE WATTER # SAFE TREE



एक छोटी सी कोसिस अपने शब्दों में बाकी आप सब समझदार हैं,ये हम सब के लिये किसी एक के लिए नही।



बाकी आप लोगो अपने घरों में रहें सुरक्षित रहें। और दूरी बना के रखिये जब बाहर जाएं।
Covid-19



अबदुल्ला साबिर 
Abdulla sabir

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