एक दिन माँ के नाम
अब्दुल्ला साबिर
Abdulla sabir
वैसे तो लिखने का मेरा कोई विचार नहीं था, लेकिन लोगो का Mother's Day पे इतना Social Media पे लोगो का लगाव माँ के प्रति देख कर मैं अपने आप को रोक नही सका।
जिस तरह आज लोग अपने माँ के साथ फोटो डाल रहे हैं और मिस यु माँ जो लिख रहे हैं ,कुछ लोग आज के दिन अपने माँ को सम्मानित भी करेंगे या कर चुके होंगे ये अच्छी बात हैं सम्मान करिये लेकिन एक दिन नही पूरे साल पूरी जिंदगी और जब तक आप की माँ आप के साथ इस दुनिया मे हैं। क्योंकि माँ के लिए एक दिन काफी नही हैं मेरे दोस्तों ये याद रखिये। माँ इस दुनियां में हमारे सब के लिए सब बड़ी अमानत हैं। क्योंकि माँ का प्यार अपने बच्चों के लिए कभी कम नही होता चाहें आप जिस भी उम्र में हो जाये क्योंकि भाईयो ये ममता का पिटारा सिर्फ माँ को ही मिला हुआ हैं कभी कम नही होती हैं ये वो पिटारा हैं, वही माँ हैं जो पूरे साल आप के आप के लिये मिन्नते करती रहती हैं चाहें फिर वो जिस भी हाल में हो लेकिन अफ़सोस कुछ निकम्मी औलादें भी हैं समाज मे जो अपनी माँ की कद्र नही करते हैं मैं उनसे क्या कहूँ लेकिन जो लोग मेरी यह पोस्ट पढ़ रहे हैं मेरी उनसे गुजारिश हैं मत छोड़ियेगा अपनी माँ की खिदमत क्योंकि जब तक माँ इस दुनिया मे हैं तब तक आप की किस्मत बुलन्द रहेगी।समाज में कुछ ऐसे लोगो भी हो गए है कि जैसे ही उनके माँ बाप बुढ़े हो जाते हैं तो वो लोग उनको व्रद्ध आश्रम में छोड़ जाते हैं और किसको छोड़ कर आरहें ये लोग मैं आप से बताऊँ की जब ये लोग छोटे होते एक खरोच भी आने पे माँ का निवाला रुक जाता हैं और वही समाज उन माँ के साथ ऐसा कर रहा हैं यकीन जानिए बड़ी अफसोस कि बात हैं। औलादे तो औलादे लेकिन जब उनकी शादी हो जाती है तो जो उनकी पत्निया आती हैं वो भी बेशलूकी से पेश आती हैं अपनी साशु माँ के साथ और मैं आप से एक बात बताऊ ये वही पत्निया है जो अपनी माँ से घण्टो के हिसाब से फ़ोन पे बात करती हैं, और वहाँ अपने भाभी को ज्ञान दे रही होती हैं मम्मी का ध्यान रखना और यह जो उनकी साशु माँ हैं उनको व्रद्ध आश्रम में भेजने की तैयारी चल रही होती हैं और ये ऐसे ही चल रहा है आजकल, मेरी आप सब से गुजारिश है कि कोई पर्सनल न ले ये किसी एक के लिए नही लिख रहा हूँ सब के घर मे यही चल रहा हैं। आप ये देख भी रहे होंगे ,में क्या लिखूं माँ के बारे में मेरी कोई इतनी हिम्मत नही मैं उनकी ममता को एक लेख में बयान कर दूँ हा चंद सच्चाई लिख रहा हूँ जो आजकल समाज मे अंजाम दिया जा रहा है , माँ के कदमो में यु ज़न्नत नही हैं यारो उसके लिये भी दुनिया मे कुछ काम करना हैं कर लो खिदमत जब तक हैं आप कि माँ सलामत इस दुनिया में। और मेरी उन तमाम बहनों से गुजारिश हैं जो शादी करके अपनी पति के घर जब जाएं तो साशु माँ का ध्यान रखें, क्योंकि कभी ना कभी आप भी माँ बनेंगी फिर उस समय आप को एहसास होगा कि माँ क्या होती हैं इस लिए समय रहते ही इज्जत करिये क्योंकि जो आप अपने बच्चों को संस्कार देंगी वही आप को वापस मिलेगा।जैसे ही अपने माँ या साशु माँ या जितने भी माँ हैं सब की खिदमत करें।
ये एक दिन सोशल मीडिया पे पोस्ट डालने से या एक दिन का प्यार दिखाने से सब कुछ ठीक नही हो जाता हैं जैसे माँ आप की पूरी उम्र सेवा करती है वैसे ही आप का भी हक़ बनता हैं
मेर तो कहना हैं कि माँ है तो सब कुछ हैं ये आशमं भी जहां भी हैं।
मेरी यह पोस्ट अन्यथा कोई न लेगा
अब्दुल्ला साबिर
Abdulla sabir

Keep it up��������
ReplyDeleteShukriya ji
ReplyDelete