Wednesday, April 22, 2020

गहरी सोच का विषय

गहरी सोच का विषय :-


हिंदू ,मुस्लिम,सिख,ईसाई -आप से कुछ बात करना चाहता हूं कि आप को किसने ये अधिकार दिया हैं ,कि किसी मनुष्य के मरने का जश्न मनाये ,फिर चाहे वो किसी भी धर्म का हो । मैं सभी धर्मो के लोगो या धर्म के रच्छक फिर चाहे जो भी हो कहा से ये अधिकार मिला, की किसी के घर पे दुखों का पहाड़ गिर गया और हम सब उसपे आपस में तंज कर रहे हैं।और ऐसे ही अगर जीवन जी रहे हैं तो हमें और आप सब को बदलने की जरूरत हैं।और हा अगर कुछ सही नही कर सकते जीवन में तो गलत क्यों करें ।आज हमें और आप सब को समाज को ये बताने की जरूरत है कि, किसी भी धार्मिक ग्रन्थ  किताब में ये नही लिखा हैं कि किसी इंसान के मरने से हमे खुश होने के जरूरत है ,यदि हम फिर भी ऐसा करते हैं तो यकीन जानिये हमारे अन्दर की इंसानियत खत्म हो चुकी,और इसे वापस लाने की जरूरत हैं ।और जो आज मुल्क में वबा(virus) आया है इस से हम सब मिल कर लड़ेंगे ,और शासन-प्रशासन का सहयोग करें ,क्योंकि इस हिंदुस्तान में बड़ी से बड़ी बिमारी हो या जो भी मुश्किल दौर आया हम सब ने उसे हराया हैं क्योंकि एकता में बड़ी ताकत हैं ।इस मुश्किल के दौर में हमारे रहनुमा डॉक्टर,पुलिश और जो भी इस मुश्किल के दौर में आप के साथ खड़े हैं दिन हो रात।उनका हम तहे दिल से शुक्रिया अदा करतें हैं ।और आई ए हम सब मिल कर अपने गुनाहों से तौबा कर ,और ये नियत करले की अब बुराइयों से बचेंगे।

  • हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस मे हम सब भाई-भाई,

          और न करेंगे एक दूसरे की बुराई।

मैं आप सभी धर्म के लोगो के ये याद दिलाना चाहता हूँ, कि यदि आप किसी (सत्ता धारी) लोगो के लिए सही को सही और गलत को गलत नही कह सकते हैं ,तो ये जान लो कि आप को अपनी धार्मिक किताब पढ़ने की जरूरत हैं।क्योंकि मेरी जानकरी के हिसाब से किसी धार्मिक ग्रंथ या किताबो में कही नही लिखा हैँ की किसी मनुष्य को परेशान करो।क्योंकि "मनुष्य" का जीवन की इस पृथ्वी पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया हैं।और आज हम सब उसी इंसानी जान को खतरे में डालने के लिए मजबूर हो गये हैं।क्योंकि हमारे पीछे उन (सत्ता धारी) लोगो का सपोर्ट हैं जिन्होंने अपने कुर्सी के लिए,आप को बली का बकरा बनाते है।और हम सब बड़े आसानी से बन भी जाते हैं । लेकिन एक बात बताओ कि क्या हमें इसे लिए भेजा गया है दुनिया में ,कि हम आपस मे ही कट-मर जाये ।शायद मेरी जानकारी के हिसाब से तो दुनिया मे इस लिये भेजा गया हैं,कि हम लोग ऐसे लोगो को एक अच्छा संदेश(massage) दे जो अपने कर्तब्य को छोड़ दिया हैं।और हा आप जिस धर्म में पैदा हुये हैं उसी के हिसाब से चले ।और किसी भी ऐसे लोगो का कहना न माने जो समाज के लिए घातक साबित हो ,क्योंकि ऐसे लोग आप से अपना काम तो निकाल लेंगें और तुमको समाज की नजर में बुरा बना देंगे।क्योंकि आज का चलन भी यही हैं,समाज मे जो जहर घुल चुका हैं। इसे खत्म करने की जरूरत हैं,ये भी जान लो कि ये जो जहर घुल चुका है समाज मे, इसे कोई और खत्म करने नही आने वाला हैं,अगर आप इस उम्मीद में हैं तो आप समझदार हैं की क्या होगा । इसे हम सब को मिलकर खत्म करने की जरूरत हैं,और इंशाअल्लाह ये जहर समाज से खत्म भी होगा।
भाइयो,बुजुर्गो, और दोस्तो इस लेख को लिखने में अगर जाने अनजाने में कोई गलती हो गईं हो तो छोटा भाई समझ कर माफ करें।शुक्रिया.......



अब्दुल्लाह साबिर
Abdullah Sabir
  

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